Author: Prashant Shukla

अपनी-अपनी पुलिस, अपने-अपने पत्रकार…जैसी सरकार वैसे ‘थानेदार’

यूपी में मिड-डे मील की स्टोरी करने पर पत्रकार को डीएम की शिकायत पर जेल भेज दिया गया था। यूपी के बलिया में बोर्ड परीक्षाओं का पर्चा लीक करने की खबर चलाने पर 3 पत्रकारों को प्रशासन ने जेल भेज दिया था। जाने माने पत्रकार और फैक्ट चेकर मोहम्मद ज़ुबैर को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया और यूपी के सीतापुर पूछताछ के लिए लेकर गई। टीवी पत्रकार अमन चोपड़ा पर राजस्थान में मामला दर्ज किया गया। इससे पहले पत्रकार अर्णब गोस्वामी को महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेजा था। आपको याद होगा कि दिवंगत पत्रकार विनोद दुआ के खिलाफ हिमाचल में केस दर्ज हुआ था और उन्हें अगले दिन हिमाचल में कोर्ट के सामने पेश होने का समन जारी किया गया था। अब पत्रकार रोहित रंजन का मामला सामने आया है, जिसमें छत्तीसगढ़ पुलिस रायपुर में उन पर केस दर्ज किया और यूपी के गाजियाबाद में गिरफ्तार करने पहुंची थी।

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‘नील का दाग’, पहले सत्याग्रह का सफल प्रयोग और चंपारण का ज़िद्दी किसान

लेखक: प्रशांत शुक्ला यह देश गांधी और उनके विचारों के बिना अधूरा है। इसमें कोई अतिशंयोक्ति नहीं कि गांधी हिंदुस्तान की आज़ादी के सबसे बड़े नायक थे लेकिन दक्षिण अफ्रीका से लौटे बैरिस्टर एमके गांधी महात्मा कैसे बने, गांधी के जीवन वृतांत की यह अपने आप में एक ऐतिहासिक यात्रा है। लेकिन आज हम बात […]

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सियासत, मौकापरस्ती और कट्टरता का नया टूल बनता “धर्म”|

किसी भी धर्म की परिभाषा उसके मानने वालों पर निर्भर करती है। धर्म को कोई कैसे और कितना साथ लेकर चलता है या किसी के जीवन में उसका कितना महत्व है, यह उस व्यक्ति पर निर्भर करता है।

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कहानी 33 साल के उस शिक्षक की जिसके एक वोट ने इतिहास बना दिया।

लेखक प्रशांत शुक्ल देश को आज़ादी 1947 में मिली और 1950 में गणतंत्र स्थापित हुआ। लेकिन स्वतंत्र भारत की पहली अग्निपरीक्षा साल 1951-52 में तब हुई, जब सैकड़ों बरस की गुलामी के बाद आम चुनावों की जिम्मेदारी देश के कंधों पर पड़ी। इस चुनाव की प्रक्रिया साल 1948 से ही शुरू हो गई थी लेकिन […]

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देश की पहली बूथ कैप्चरिंग, जब गुंडों ने बैलेट बॉक्स कुएं में फेंक दिए थे।

लेखक: प्रशांत शुक्ला आज़ादी के बाद देश में पहला आम चुनाव 1951 में हुआ। यह चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न हुआ और नेहरू आज़ाद हिंदुस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने। दूसरा चुनाव 1957 में हुआ। यह चुनाव देश के चुनाव आयोग के लिए चुनौतियों भरा था। देश के पहले चुनाव आयुक्त सुकुमार सेन की देखरेख वाला यह दूसरा […]

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